@import url('https://fonts.googleapis.com/css2?family=Yatra+Oney=swap'); अनवरत: कोटा के कोचिंग छात्रों पर पुलिस का शिकंजा

मंगलवार, 14 अक्तूबर 2008

कोटा के कोचिंग छात्रों पर पुलिस का शिकंजा

श्री वी के बंसल बसंल क्लासेज कोटा 
के संचालक और उन के संस्थान की 
नयी इमारत
कुछ दिनों से यह सिलसिला चल रहा है। कोटा शहर में अपराधों की बाढ़ अचानक नहीं आयी है। यह कुछ राजनीति के चलते पुलिस का अपाराध नियंत्रण ढीला होते जाने का असर है। कोटा में 60-70 विद्यार्थी पूरे देश से आईआईटी, इंजिनियरिंग और मेडीकल कोर्सों में दाखिले के लिए कोचिंग करने आते हैं। कोटा के बंसल क्लासेज, एलन कैरियर, कैरियर पाइंट और रेजोनेन्स आदि कोचिंग संस्थान देश में ही नहीं विदेशों में भी लोकप्रिय हैं। इन के अलावा सैंकड़ों शिक्षक हैं जो पूरे श्रम और काबिलियत से छात्रों को ट्यूशन प्रदान करते हैं। इन संस्थानों में आने वाले विद्यार्थी अधिकतर विज्ञाननगर, तलवंडी, महावीर नगर, इन्द्रविहारऔर कैशवपुरा में किराये के मकानों और छात्रावासों में अपने अस्थाई घोंसले बनाते हैं। बाहर से आए इन विद्यार्थियों के बीच सभी पढ़ने वाले हों यह आवश्यक नहीं। इन में अनेक धनिक परिवारों के विद्रोही भी हैं जो घर के पैसे पर साल दो साल मौज करने यहाँ आते हैं और उन में से अनेक अपराधों में लिप्त हो जाते हैं। इन इलाकों में अपरिचिच चेहरों के बीच अपराधियों को छुपने का भी अच्छा अवसर प्राप्त हो सकता है।

इन अल्पवय विद्यार्थियों के साथ मोबाइल चुरा लेना, पैसे चुरा लेना लड़कियों को छेड़ना आदि छोटे अपराध होते रहते हैं। लेकिन इन इलाकों में कुछ बहुत गंभीर अपराध डकैती और हत्याओं के हुए हैं। पुलिस अपने ही अनियंत्रण से परेशान है। उस ने पिछले दिनों नयी युक्ति निकाली कि ऐसे छात्रों की सूचियाँ कोचिंग संस्थानों से मांगी जो अनियमित हैं या बहुत लंबे समय तक अनुपस्थित रहे हैं। उन की जाँच किये बिना या जाँच कर के उन्हें कोचिंग संस्थानों से नोटिस दिलवाये गए हैं। अनेक छात्र जो बीमारी या दूसरे वाजिब कारणों से कुछ दिनों से अपने संस्थानों से गैरहाजिर रहे थे उन्हें भी नोटिस मिल गए वे भी परेशान हैं। नतीजा यह कि बात टीवी चैनलों तक पहुँच गई और कल उस पर रिपोर्ट पढ़ने को मिली।

आज खबर है कि पुलिस ने 500 छात्रों की सूचि बना ली है। दो पुलिस थानों को उन्हें जाँचने की जिम्मेदारी दे कर विशेष दल बनाया गया है। पहले पुलिस मामूली शिकायतों पर छात्रों को डरा धमका कर, समझा कर, समझौता करवा कर छोड़ दिया करता था। लेकिन अब गलती पर हिदायत देने के बजाय सीधे एफआईआर दर्ज की जाएगी। पूरी तरह भटका हुआ पाए जाने पर छात्र के अभिभावकों को सूचित करेगा और उसे वापस घर भिजवाने की व्यवस्था कर देगा।
इस से बड़े अपराध तो क्या कम होंगे? लेकिन छात्रों पर अंकुश जरूर लग जाएगा।

16 टिप्‍पणियां:

Smart Indian ने कहा…

अब पुलिस करे भी तो क्या करे? ढील भी बुरी और सख्ती भी. न तो जनता से सहयोग और न ही माता-पिटा या मित्रों-सहपाठियों से. कठिन स्थिति है.

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } ने कहा…

apne baccho ko unki bina marji ke dr.,engineer banane ki chah rakhne wale paise walo ki bigdi aulad hi hongi yah sab

Asha Joglekar ने कहा…

कोटा को कोचिंग क्लासेज के बारे में २ साल पहले एक लेख इंडिया टुडे में भी पढा था । वह तो तारीफ ही कर रहा था कि यहां आने वाले छात्र अक्सर दाखिला पा ही जाते हैं । लेकिन यह तो अजीब सी बात है कि इन अच्छे बच्चों में अब असामाजिक तत्व भी शामिल हो रहे हैं । उनकी वजह से अचछे बच्चों को भी परेशानी उठानी पड रही है ।

Anil Pusadkar ने कहा…

हां ये दुर्भाग्य ही है की धनिक वर्ग के विद्रोही बच्चे मौज मनाने के लिये जो बदमाशियां करते हैं धीर-धीरे आदात मे बदल जाती है,अगर उनपर समय पर रोक ना लगे तो। पुलिस का ये अच्छा कदम है। यहां रायपुर मे भी एन आई टी का एक छात्र जो दुसरे प्रदेश से पढने आया था एक कान्ट्रेक्ट किलिंग केस का मुख्य आरोपी निकला। ये बहुत ही गंभीर विषय उठाया है आपने,इस समस्या पर समय रहते विचार होना जरूरी है।बहुत बधाई आपको समाज की समय रह्ते आंख खोलने की कोशिश के लिये।

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

यह सब पढ़ने पर अगर मुझे साइड तय करनी हो तो मैं पुलीस की तरफदारी करूंगा।

Abhishek Ojha ने कहा…

कोटा के पढ़े कई दोस्त हैं... उनसे शरारतों की कुछ झलकी तो मिली थी पर इतनी ज्यादा हैं. ये नहीं सोचा था.

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

आज कोटा कोचिंग शिक्षण के मामले अग्रणी स्थान रखता है ! और शाशन को इस मामले में मेरे हिसाब से तो सख्ती बरतनी ही चाहिए !

फ़िरदौस ख़ान ने कहा…

अच्छा विषय है...और तहरीर भी बेहतरीन है...

Sanjeev ने कहा…

हमारे लिये छात्र गुटों के झगडे या छात्रों द्वारा अपराध करने की खबरें सामान्य सी बात हो गई है। कोटा पुलिस का यह काम प्रशंसनीय है। ऐसे कदम की जयपुर पुलिस से भी जरूरत है।

संगीता पुरी ने कहा…

इस से बड़े अपराध तो क्या कम होंगे? लेकिन छात्रों पर अंकुश जरूर लग जाएगा...इतना भी कम नहीं है।

विष्णु बैरागी ने कहा…

पुलिस की इस कार्रवाई से कोटा की प्रतिष्‍ठा और छवि की रक्षा ही होगी । मुमकिन है, कुछ 'जेन्‍युइन' छात्र नकारात्‍मक रूप से प्रभावित हो जाएं । लेकिन आपकी पोस्‍ट से लगता है कि पुलिस व्‍यावहारिक रवैया अपना रही है ।

Unknown ने कहा…

पुलिस भी क्या करे? माता-पिता तो बच्चों कोकुछ सिखाते नहीं, वह जो सीखते हैं बाहर ही सीखते हैं.

लोकेश Lokesh ने कहा…

चाहे इसे पुलसिया कार्रवाई कहें, लेकिन है तो ठीक ही

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` ने कहा…

युवा वर्ग पर कई तरह के प्रेशर हैँ ,पढाई, सफलता और हम उम्रोँ के ,दूस् रोँ के कहे पे चलना पुलिस को उनका काम करना भी सही है
- लावण्या

Unknown ने कहा…

achha laga lekin students ki aad me local ke log bhi bahut kuchh kar jaate hai or naam waha ke students ka hota hai kota ke log bhi kisi se kam nahi !!!!!!!!!!!!!!!

Unknown ने कहा…

आपने वेहद सामयिक लेख लिखा है. हर अच्छी चीज अपने साथ कुछ बुराई लाती है लेकिन इसे एक चुनौती मानकर कोटा के स्थानीय लोग भी कोचिग वालो से मिलकर ऐसे अनचाहे छात्रो पर नज़र रख सकती है. इस असामाजिक गतिबिधि की सम्भावना मे भी समाज के लिये करने को बहुत कुछ है.